बिस्टान। क्षेत्र में रेल की सौगात के रूप में नर्मदा ताप्ती रेल लाइन को लेकर शासन, प्रशासन गंभीर नहीं है।

क्षेत्र में रेल की सौगात के रूप में नर्मदा ताप्ती रेल लाइन को लेकर शासन, प्रशासन गंभीर नहीं है। यदि इस पर गंभीरता से विचार कर शासन सहयोग नहीं करता है तो समिति सदस्यों ने आमरण अनशन की चेतावनी दी है। नर्मदा ताप्ती रेल लाइन संघर्ष समिति के प्रमुख दामोदर अग्रवाल ने बताया कि पूर्व में 2 मार्च 2024 को समिति के द्वारा प्रशासन के आश्वासन पर समिति सदस्यों ने आमरण अनशन को स्थगित कर दिया था। लेकिन हमारे ज्ञापन के जवाब के बारे में जब 19 जून को जब फोन पर प्रशासन से जानकारी ली गई तो अपर कलेक्टर ने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग से आपके ज्ञापन के संबंध में कोई जवाब नहीं आया है। इससे समिति सदस्यों में रोष और निराशा है। समिति के संरक्षक नरेंद्र सिंह चावला, डॉक्टर रामेश्वर गुप्ता, भागीरथ कुमरावत आदि ने बताया कि ताप्ती नर्मदा रेल लाइन खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर जैसे आदिवासी जिलों को रेलमार्ग से जोड़ने में वरदान साबित होगी। समिति सदस्यों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगे।

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