शराब की दुकानों पर ना तो रेट लिस्ट और ना ही चेतावनी बोर्ड—आशीष सिंह तोमर

अम्बाह–शराब दुकान ठेकेदारों की मनमानी पूरी तरह विभाग पर हावी है। नियमों को दरकिनार करने वाले ठेकेदारों ने शराब दुकानों पर ना तो रेट लिस्ट लगाई है और ना ही चेतावनी के बोर्ड लगा रखे हैं। जबकि यह दोनों ही अनिवार्य हैं। इस ओर आबकारी विभाग के सर्कल ऑफीसर को सख्ती दिखानी चाहिए, लेकिन शायद उन्हें यह सब नजर नहीं आ रहा। ऐसे में बिना बिल, मनमाने रेट पर शराब बेच रहे ठेकेदारों के अपने नियम में चल रहे हैं।
आबकारी विभाग के नियमों की बात करें तो दुकान में शराब उत्पादों की रेट लिस्ट ऐसे प्रदर्शित करना होती है कि ग्राहक को सामने ही नजर आए। इसके साथ ही प्रत्येक दुकान में मदिरापान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, इस चेतावनी वाले बोर्ड लगाना भी अनिवार्य है। इस साइन बोर्ड के आसपास मदिरा विज्ञापन संबंधी कोई दूसरा पोस्टर या प्रचार सामग्री प्रदर्शित नहीं की जा सकती। अधिकांश दुकानों में रेट लिस्ट के बोर्ड बने हैं, लेकिन उन्हें सामने प्रदर्शित नहीं किया जाता। इस नियम का पालन इसलिए नहीं किया जा रहा ताकि मनमाने रेट पर शराब की बिक्री की जा सके।
हर दुकान पर प्रचार सामग्री
शराब की हर दुकान पर प्रचार प्रसार के लिए बोर्ड लगाए गए हैं। जबकि यह नियमों के विपरीत है। आबकारी विभाग के अधिकारी इस ओर इसलिए भी नहीं देखते कि उन्हें शिकायत का इंतजार रहता है। कोई शिकायत नहीं करे तो वह स्वयं संज्ञान नहीं लेंगे। कई शराब की दुकानें तो ऐसी हैं, जहां चेतावनी से जयादा विज्ञापन के बोर्ड लोगों को आकर्षित करने के लिए लगाए गए हैं। ऐसी स्थिति में मनमानी रेट पर शराब बिक्री होने से ग्राहकों को नुकसान हो रहा है और शराब ठेकेदार जमकर मुनाफा कमा रहे है

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