दिल्ली :-हरियाणा चुनाव को लेकर राहुल गांधी की इच्छा के बाद भी आप से गठबंधन को क्यों तैयार नहीं हुड्डा

दिल्ली रिपोर्टर नरेश शर्मा की रिपोर्ट
हरियाणा चुनाव को लेकर राहुल गांधी की इच्छा के बाद भी आप से गठबंधन को क्यों तैयार नहीं हुड्डा
हरियाणा चुनाव को लेकर नामांकन की शुरुआत हो चुकी है और 12 सितंबर आखिरी तारीख है ऐसे में कांग्रेस की और से उम्मीदवार के नाम घोषित किया जाना चिंता की बात है कई नेताओं की चिंता बढ़ गई है क्योंकि उन्हें लगता है टिकट का भरोसा मिलने पर ही प्रचार तेज किया जाएगा
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवारों के नामों का ऐलान अब तक नही हुआ भाजपा की 67 उम्मीदवारों की लिस्ट आ गईं और इसी सप्ताह दो दिन मंथन के बाद भी कांग्रेस नामों का ऐलान नहीं कर सकीं इसकी वजह यह भी मानी जा रही है आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की शुरुआत हो रही है 12 सितंबर आखिरी तारीख है ऐसे में कांग्रेस की और से उम्मीदवारों के नाम घोषित किया न जाने से कई नेताओं की टेंशन बड रही है क्योंकि उन्हें लगता है कि टिकट का भरोसा पर भी प्रचार तेज किया जाएं आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर भी कांग्रेस में मतभेदों की स्थिति है राहुल गांधी के सुझाव के बाद एक वर्ग गंठबंधन के लिए उत्साहित है लेकिन भूपिंदर सिंह हुड्डा गुट इसे लेकर नाखुश है उसने अपनी राय वरिष्ठ नेताओं के सामने भी जाहिर कर दी लोकसभा चुनावों मे भी कांग्रेस और आप को सुशील गुप्ता को भाजपा से के नवीन जिंदल के मुकाबले करारी हार मिली थी कहा जा रहा है कि तब भी भूपिंदर सिंह हुड्डा इसके लिए तैयार नहीं थे अब भूपिंदर सिंह हुड्डा का कहना है कि कांग्रेस अकेले ही जीत हासिल कर सकते है ऐसी स्थिति में आप को साथ लेने से एक तरफ़ मेसेज जाएगा कि कांग्रेस खुद को कमजोर मान रही है इसके अलावा कुछ ऐसी सीटों पर कांग्रेस के नेताओ मे नाराजगी का खतरा है जहां वे खुद को मजबूत मान रहे है और चुनाव के लिए दावेदारी कर रहे है हुड्डा लोकसभा चुनाव के बाद से ही लगातार कह रहे है कि हम अकेले ही चुनाव में उतर सकते है उनका कहना है कि कांग्रेस बेहद मजबूत है और ऐसी स्थिति है कि 90 सीटों पर के लिए ढाई हजार आवेदन आए हैं
भूपिंदर हुड्डा गुट का सवाल है कि जब वह अच्छा माहौल है और इतने ज्यादा आवेदन आ रहे तो फिर आप के साथ की क्या जरूरत है इससे आखिर कांग्रेस को क्या फायदा होगा नेताओं ने कहां कि इस गठबंधन से तो सिर्फ आम आदमी पार्टी को ही लाभ होगा इसके अलावा एक खतरा यह है कि आम आदमी पार्टी को मिली सारी सीटें हारने का भी खतरा है कांग्रेस नेताओं का कहना है कि आम आदमी पार्टी को 2019 के चुनाव में हरियाणा में 0.36 फीसदी वोट मिले थे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!