बाड़मेर कलेक्ट्रेट के बाहर चल रहा धरना तीसरे दिन कलेक्टर के साथ करीब एक घंटे तक चली वार्ता के बाद सहमति बनने पर खत्म हो गया। प्रशासन ने कुछ कामों के मस्टररोल जारी कर दिए, वहीं शेष कार्यों के जल्द जारी करने का आश्वासन दिया। साथ ही बीडीओ के खिलाफ भी जांच का आश्वासन दिया।
वार्ता में पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी, बाड़मेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी, बायतु विधायक हरीश चौधरी सहित प्रतिनिधमंडल मौजूद रहे। पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा हमारी मस्टररोल जारी करवाने की मांग थी, वो पूरी हो गई। धरना समाप्त कर दिया। मैं हमेशा अन्याय के खिलाफ खड़ा रहा हूं और न्याय के लिए लड़ाई लड़ता हूं। प्रशासन ने हमारा पूरा सहयोग किया
पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी सोमवार से बाड़मेर कलेक्ट्रेट के बाहर ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे है। दो रातें धरना स्थल पर गुजारी। उन्होंने कहा कि गुड़ामालानी विधानसभा के मौखाबा खुर्द में स्वीकृत कार्यों का राजनीतिक द्वेषता की वजह से मस्टरोल जारी नहीं किए जा रहे है। करीब 69 व्यक्तिगत टांके और दो ग्रेवल सड़क स्वीकृत है। लेकिन पंचायत समिति बीडीओ और सीईओ की ओर से मस्टररोल जारी नहीं किए गए। मंगलवार रात जिला परिषद के अधिकारी धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने पूर्व मंत्री से वार्ता की, लेकिन सहमति नहीं बन पाई थी।
बुधवार को धरना स्थल पर बाड़मेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, बायतु विधायक हरीश चौधरी पहुंचे। इस दौरान बाड़मेर, बालोतरा जिले के प्रधान, जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। धरना स्थल पर जिला परिषद के अधिकारी वार्ता के लिए पहुंचे। वार्ता की और मस्टररोल जारी करने की बात कही। 71 स्वीकृत कामों के आधे से ज्यादा कार्यों के मस्टररोल जारी हो चुके है। बाकी कार्यो की जीओ टैंगिग कर जारी किए जा रहे है। इसके बाद करीब 9 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मिलने के पहुंचा।
बाड़मेर सांसद उम्मेदारा बेनीवाल ने कहा- बीते डेढ़ माह से स्वीकृत विकास कार्य स्वीकृत हुए थे, लेकिन बीडीओ ने मस्टररोल जारी नहीं किए। कई बार शिकायत भी की गई। जिला परिषद की मीटिंग में भी बीडीओ को फटकार लगाई थी लेकिन फिर भी मस्टररोल जारी नहीं किए। इसलिए पूर्व मंत्री को धरने पर बैठना पड़ा था। आधे से अधिक कार्यों के मस्टररोल जारी कर दिए गए है। दूसरी जो मांगे थी, उनको मान लिया गया। बीडीओ के खिलाफ कमेटी जांच करेंगी। 15 दिन के अंदर रिपोर्ट पेश करेगी। सांसद ने आरोप लगाया कि सरकार दुर्भावना-पूर्ण भेदभाव रखकर लोगों के साथ पक्षपातपूर्ण करती है। वैसा नहीं करना चाहिए। चुनाव के बाद सब जनता समान होती है। सरकार पूरे बाड़मेर-जैसलमेर की जनता के साथ भेदभाव कर रही है, लेकिन गुड़ामालानी में ज्यादा हो रहा है।
सांसद ने कहा कि जो लोग सत्ताधारी सरकार के साथ नहीं थे, उनके खिलाफ द्वेषभावनापूर्ण और दुर्व्यवहार किया जा रहा है। मंत्री के.के. विश्नोई के बिना नाम लिए कहा कि जो नेता पावर में है उनका सीधा इंटरफेयर है।
एक घंटे की वार्ता के बाद बनी सहमति
बुधवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे धरना स्थल से पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी, सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, विधायक हरीश चौधरी, जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी, पूर्व मंत्री गोपाराम मेघवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष फतेह खान कलेक्टर से वार्ता करने पहुंचे। करीब एक घंटे तक चली वार्ता के बाद स्वीकृत कार्यों के मस्टररोल जारी करने और बीडीओ के खिलाफ जांच करवाने के आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया।
इससे पूर्व मंगलवार को ज्ञापन देने पहुंचे पूर्व मंत्री, जिला प्रमुख की दो बार जिला कलेक्टर टीना डाबी के साथ पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी और अन्य कांग्रेसी नेताओं की वार्ता हुई और आश्वासन भी दिया, लेकिन देर रात तक कार्यों के मस्टररोल जारी नहीं किए। इससे धरना जारी है। इधर विधानसभा प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, बायतु विधायक हरीश चौधरी सहित कांग्रेसी नेताओं ने धरने का समर्थन देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि भाजपा सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।
जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी ने कहा- गुड़ामालनी विधानसभा के धोरीमन्ना, मौखावा खुर्द के तीन माह से काम स्वीकृत हो गए है। जिला कलेक्टर और सीईओ के मार्फत काम स्वीकृत होते है। स्वीकृत हो गए लेकिन बीडीओ और ग्राम सेवक की हठधर्मिता और राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है। राजस्थान सरकार की विफलता है अधिकारी हावी हो रखे है। इसके कारण काम नहीं हो रहा है। कलेक्टर ने दो बजे तक का आश्वासन दिया हो जाएगा लेकिन अभी तक पूर्ण रूप से नहीं हुआ है। सीईओ से भी बात हुई है मीटिंग में गए है उन्होंने कहा कि मैं कोशिश कर रहा हूं।
जिला परिषद मीटिंग में उठा था मुद्दा
महेंद्र चौधरी ने कहा- जिला परिषद मीटिंग में मुद्दा उठा था। बीडीओ से पूछा गया था तब उसने कहा कि मस्ट्रोल जारी करने के लिए डिमांड नहीं आई है। अब मेरे पास डिमांड आ गई है मस्ट्रोल जारी कर दूंगा। 8 अक्टूबर को मीटिंग हुई थी अब आज 22 तारीख हो गई है लेकिन मस्ट्रोल जारी नहीं हुए है। सीईओ के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी।
5 सितंबर को मनरेगा के कार्य स्वीकृत हुए, लेकिन मस्टररोल जारी नहीं हुए
मौखावा खुर्द ग्राम पंचायत में 5 सितंबर को मनरेगा के तहत व्यक्तिगत टांके व ग्रेवल सड़कों के कार्य स्वीकृत हुए थे। इसके बाद ग्राम पंचायत द्वारा 6 नंबर फॉर्म तैयार कर 19 जून को वर्क ऑर्डर के लिए पंचायत समिति गुड़ामालानी में विकास अधिकारी के समक्ष पेश किए गए, लेकिन विकास अधिकारी राजनीति कारणों से मस्टररोल जारी नहीं कर रहे है। ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच और विकास अधिकारी राजनीतिक कारणों से बाधा डाल रहे है। जिला कार्यक्रम समन्वयक व जिला कलेक्टर महानरेगा बाड़मेर द्वारा स्वीकृत कार्यों के मस्टररोल जारी करवाने के लिए भी कई बार निवेदन किया गया। उक्त ग्राम पंचायत में ग्रेवल सड़कें नहीं होने के कारण आम जनता को आवागमन के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
1 अक्टूबर को स्वीकृत कार्यों के मस्टररोल जारी हो गए

ग्राम पंचायत के 69 टांके व 2 ग्रेवल सड़कों के कार्य स्वीकृत होने के बावजूद विकास अधिकारी द्वारा मस्टररोल जारी नहीं किए जा रहे है। 1 अक्टूबर को स्वीकृत ग्रेवल सड़क गुड़ामालानी बाड़मेर से कालू की ढाणी स्कूल तक मस्टररोल 6 अक्टूबर को जारी किए गए। जबकि इनसे एक माह पूर्व में स्वीकृत कार्यों के अभी तक ग्रामीणों द्वारा फॉर्म 6 भरकर देने के बाद भी मस्टररोल जारी नहीं किए गए। मंगलवार को कलेक्टर के साथ वार्ता हुई, लेकिन देर रात तक वार्ता का सार्थक कोई रिजल्ट नहीं मिला।
धरना स्थल पर यह रहे मौजूद
मंगलवार को धरने पर पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी, जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी, प्रधान महेंद्र जाणी, सिमरथाराम चौधरी, लक्ष्मणराम डालू, लक्ष्मण गोदारा, यूथ कांग्रेस नेता राजेंद्र कड़वासरा, मूलाराम मेघवाल, देवाराम सांजटा, सुनीता चौधरी, मेवाराम सोनी, मुकेश जैन, रायचंद खांगट, हरचंद सोलंकी, कानाराम, महावीर बोहरा, दिनेश कुलदीप, राजूराम बेनीवाल, खुमाराम चौधरी, रसूख खां, करनाराम, चंपालाल भंडारी, तरुण सिंधी, रामूराम, डालू राम वकील, तेजाराम गोदारा, गुलाम खां बुरहान तला, स्वरूप सिंह पंवार, पूनम बाना, चंद्र प्रकाश बेनीवाल, सोहनलाल, सुरेश सोनी, जय प्रकाश शारदा, सचिन जोशी, रफीक खिलजी,
छोटू सिंह, मुल्तान सिंह महाबार, किशन बड़ा, बिंजा राम, श्रवण चंदेल, उमा शंकर, जगदीश जाखड़, रुघनाथ कड़वासरा , सोनाराम मेघवाल, गोरधनराम साईं मौजूद रहे।