मैनाटांड प्रखंड क्षेत्र में हर वर्ष सुहागन महिलाएं द्धारा ज्योष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखा जाता है ऐसी मान्यता है कि वट वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा तने में भगवान विष्णु व डालिये व पतियों में भगवान शिव का निवास स्थान है

मैनाटांड प्रखंड क्षेत्र में हर वर्ष सुहागन महिलाएं द्धारा ज्योष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखा जाता है ऐसी मान्यता है कि वट वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा तने में भगवान विष्णु व डालिये व पतियों में भगवान शिव का निवास स्थान है एवं इस वृक्ष की लटकती हुई शिराओं में देवी सावित्री का निवास है अपनी विशेषताओं और लंबे जीवन के कारण इस वृक्ष को अनश्वर माना जाता है इसीलिए महिलाएं पति कि दीघार्यु और परिवार की समृद्धि के लिए यह व्रत रखती है वट वृक्ष नीचे सावित्री ने अपने -अपने पति को पुनः जीवित किया था तब से यह व्रत वट वृक्ष सावित्री के नाम से जाना जाता है महिलाएं वट वृक्ष की पुजा करती है तो उन्हें अखंड सौभाग्य कि प्राप्टि होती हैं परिवार पर किसी प्रकार का कोई संकट नहीं आता है

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